जैसा कि हम सभी जानते है कि, आजकल चुनाव का दौर जोरो शोरो पर है, और साहड़ा विधानसभा क्षेत्र में तीन उम्मीदवारो श्री लादूलाल पितलिया (बी.जे.पी.), श्री राजेंद्र त्रिवेदी (कांग्रेस), श्री बद्रीलाल जाट (आर. एल. पी.), को मैदान में उतारा गया है। यहाँ पर वैसे तो 7 उम्मीदवार मैदान में है जिसमे से एक बसपा ने भी अपना उमीदवार उतरा है परन्तु जिस तरह मेने इस क्षेत्र को समझा है यहाँ संगर्ष केवल कांग्रेस और बीजेपी के प्रतिभागी में है और आइये जानते है सहाडा विधानसभा को ताकि हम जान सके की यहाँ आने वाली 3 तारीख को क्या परिणाम रहने वाला है।
पिछले 15 सालो को अगर देखे तो यहाँ पर कांग्रेस ने हमेशा ब्राह्मण को तो बीजेपी ने हमेशा जाट को टिकट दिया है। इस क्षेत्र में ये दोनों जातियां हमेशा से विधानसभा चुनाव में अपना असर रखती है। यहाँ पर कुल वोटर 2,36,844 है जिसमे से 1,19,032 पुरुष मतदाता, 1,17,812 महिला मतदाता है।
सहाड़ा विधानसभा को 3 ब्लॉक में बाटा जाता है रायपुर, सहाड़ा, सुवाणा। यह विधानसभा एक बड़ा क्षेत्र अपने आप में रखती है । यहाँ पर आने वाले बड़े शहर मुख्यतः गंगापुर, हमीरगढ़, सहाड़ा, रायपुर, कोशीथल, गुरला, करोई है। इस विधानसभा में आने आने वाले 2 बड़े शहर रायपुर और हमीरगढ़ की दुरी 75 KM है।
जितना बड़ा क्षेत्र है उतना ही यहाँ की चुनावी जनसभा और रेलिया भी रही है और साथ ही जो भी विधायक प्रत्याशी है उनका हल्ला भी।
इस सीट के समीकरण समझना सरल नहीं था। पर अगर में आपको संक्षिपत में बताऊ तो –
(1) जब भी इस सीट पर कांग्रेस जीती : जब भी यहाँ कांग्रेस जीती तब उसने हमेशा रायपुर से लीड ली और उस लीड को मेन्टेन किया और बढ़ाया सहाड़ा के साथ परन्तु जैसे ही सुवाणा ब्लॉक के मतों की गणना हुई, वहा से कांग्रेस को हमेशा से नुक्सान ही उठाना पड़ा है |
(2) बीजेपी जब भी जीती तब के समीकरण : बीजेपी की जीत जब भी हुई है तब उसको सहाड़ा से लीड मिली है और उसको सुवाणा में भी अच्छा फायदा मिला है रायपुर से बीजेपी को नुकसान ही मिला है क्यों की कांग्रेस हमेशा से अपना कैंडिडेट रायपुर से खड़ा करती थी तो लोकल होने के कारण होने वहा से बीजेपी को नुक्सान उठाना पड़ता था |
कांग्रेस क्यों जीतेगी ?
1. बी.जे.पी. के लोग नाराज – पितलिया जी ने यहां के बी. जे. पी. के लोगो को भी काफी नाराज किया है, 2018 चुनाव में जब पितलिया जी को बी.जे.पी. से टिकट नहीं दिया गया था, तो पितलिया जी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसमे उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, व उन्हें लगभग 33000 वोट मिले थे और बीजेपी के प्रत्याशी रूप लाल जी जाट को 58414 वोट मिले थे। उस वक़्त श्री कैलाश त्रिवेदी जी ने चुनाव जीता था तथा उन्हें 65420 वोट मिले थे। अगर उस चुनाव में पितलिया जी निर्दलीय नहीं खड़े हुए होते और बीजेपी को समर्थन दिया होता तो बीजेपी काफी मजबूत स्तिथि में होती। उस चुनाव में बी.जे.पी. को हार का सामना करना पड़ा था, और इसका मुख्य कारण पितलिया जी का निर्दलीय से चुनाव लड़ना व निर्दलीय बनकर वोट काटना मुख्य कारण रहा है| और फिर से पितलिया जी पर विश्वास करके उनको चुनाव का टिकट देना, बी. जे. पे. के लोगो में नाराज़गी का मुख्य कारण रहा है|
2. कांग्रेस की योजनाए – कांग्रेस प्रत्याशी को अशोक गहलोत जी की योजनाओ जैसे ( चिरंजीवी योजना और नरेगा योजना इत्यादि ) से फायदा मिल सकता है, जिनसे आम लोगो को कई सुविधा प्राप्त हुई है । कई लोगो को 100 यूनिट पर बिजली फ्री का भी काफी फायदा मिला है। यहाँ कॉलेज और स्कूल का आना भी लोगो को काफी फायदा पोहोचा रहा है। महंगाई राहत शिविर में रजिस्ट्रेशन के बाद काफी लोगो को गैस सिलेंडर भी मिला है।
3. पिछले 3 सालो में किये गए विकास के कार्य – बीते तीन वर्षो के कार्यकाल में कांग्रेस के द्वारा विकास के कई कार्य किये गए है, जैसे कॉलेज, सड़क, पानी|
4. प्रत्याशी की ईमानदार छवि व 30 वर्षो का अनुभव – कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र कुमार त्रिवेदी की लोगो के मन में एक ईमानदार व लोकप्रिय राजनेता की छवि रही है, व लोगो का जन-समर्थन भी उन्हें प्राप्त है| प्रत्याशी गौ सेवा के लिए भी विगत कई वर्षो से रायपुर गौ-शाला से जुड़े है। सहकारी समिति के अध्यक्ष पद पर भी निर्विरोध चुने गए।
आमजन और रायपुर के पास के क्षेत्र की जनता में कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर एक विशेष प्रेम है। लोगो से जो जुड़ाव कांग्रेस प्रत्याशी का है वो उनकी दावेदारी मजबूत करता है।
5. जाट वोटर – सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में काफी सालो से जाटो का दबदबा रहा है, क्युकि यह विधानसभा में जाट निर्णायक भूमिका निभाता है, जहाँ सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत इसी विशेष समुदाय का है, शुरू से ही यहां का जाट समुदाय बी.जे.पी. का समर्थन करता आया है, और यहाँ जाटो की शुरू से ही पकड़ रही है। इस समुदाय में एक बात की चर्चा बीजेपी का टिकट मिलने के बाद से रही है की पितलियाजी ने जो निर्दलीय होकर 2018 में बीजेपी को हराया उसकी वजह से अब जाट वर्ग उनसे दुरी बना रहा है।
जाट एक समझदार कॉम है और वो अपना हित अहित अच्छे से समझती है और जानती है की एक बार टिकिट हाथ से निकलने का मतलब वापस से किसी जाट को मिलना मुश्किल है। और जब इस क्षेत्र के लोगो से बात की गयी तो उनका रोष इतना था की पितलियाजी को भरी मतों से हराना है क्यों की अगर काम वोट से हारे तब भी ऐसा हो सकता है की फिर से टिकट उनके पास ही चला जाए।
अनपढ़ जाट पढ़े लिखे जैसा।
पढ़ा लिखा जाट खुदा जैसा।।
बी.जे.पी. के जितने का कारण
- गौ सेवक की छवि रखते है – बी.जे.पी. प्रत्याशी लादूलाल पितलिया जी की शुरू से ही एक गौ सेवक के रूप में छवि रही है |
- बीजेपी प्रत्याशी लादूलाल जी का 2018 में चुनाव चिन्ह ब्रेंच रहा था और उन्होंने भी चुनाव हारने के बाद से विधानसभा क्षेत्र में काफी ब्रेंच लगवाई, पानी की टंकिया लगवाई, लम्पि रोग के दौरान उन्होंने गायो के इलाज के लिए दवा और रहने की व्यवस्था भी की थी |
- चुनावी समय में यहाँ इस क्षेत्र में इनकी बहोत गाड़िया और कार्यकर्ता दिखे। शायद ही इस से पहले इस क्षेत्र में इस लेवल पर बीजेपी ने अपना प्रचार-तंत्र इस्तेमाल किया हो |
- श्री राजनाथ सिंह जी की का रोड शो गंगापुर में हुआ है जो की बीजेपी के पक्ष में जाता दिख रहा है |
- योगी और मोदी की सभा से भी बीजेपी को फायदा मिलता हुआ दिख रहा है जो की इस क्षेत्र के पास में ही हुई है |
- बीजेपी प्रत्याशी ने लोगो की आर्थिक रूप से मदद की है जो की यहाँ के लोगो के मन को छूता है |
- लोगो के इलाज के लिए निशुल्क बस सेवा लगवाई है (कांग्रेस प्रत्याशी का आरोप है की केवल बस लगवाई है इलाज कांग्रेस सर्कार की स्कीम से ही होता है)। आसपास के लोगो से पता चला है की बीजेपी प्रत्याशी लोगो को आसपास के धार्मिक जगह पर दर्शन के लिए बस सेवा भी काफी समय से उपलब्ध करवा रहे थे जो की लोगो के दिलो को छूता है ।
जाने 3 दिसंबर को क्या आकड़े आपके सामने आने वाले है
जैसा की आप जानते है की सहाड़ा इस विधानसभा सीट पर विजय प्रत्याशी के साथ हमेशा से रहता है और पिछले काफी वर्षो से कांग्रेस के प्रत्याशी का रायपुर से होना रायपुर ब्लॉक में कांग्रेस को जीत दिलाता है। पर इस बार दोनों प्रत्याशी रायपुर क्षेत्र से है जिस से ऐसा लगता है की कांग्रेस को इस चीज़ का नुकसान उठाना पड़ेगा और रायपुर से उन्हें जो आजतक लीड मिल रही है उनमे कमी होगी फिर भी कांग्रेस काफी हद तक रायपुर से लीड के साथ हे आगे जायेगी। सहाड़ा में हर बार जितने वाले प्रत्याशी को अच्छी लीड देता है। कांग्रेस को भी सहाड़ा से फायदा नजर आता है पर यहाँ पर ये देखना होगा की जाट किसका समर्थन करते है। फिर भी लग रहा है की सहाड़ा कांग्रेस प्रत्याशी के साथ है।
सुवाणा ब्लॉक इस विधानसभा में बाजी पलट सकता है। यहाँ से कांग्रेस कभी भी जीत नहीं पाई है और वोटो का अंतर इतना भारी रहा है जो हार जीत के मार्जिन को काफी बढ़ा और घटा सकता है। यहाँ पर कांग्रेस प्रत्याशी कुछ कमजोर लग रहे है परन्तु बीजेपी भी यहाँ मजबूत स्तिथि में नहीं दिख रही है।
यहाँ और सहाड़ा में ये देखना पड़ेगा की RLP के प्रत्याशी ने इन दोनों जगह पर कितने वोट लिए है। क्यों की वहाँ से टिकट जाट समुदाय में दिया गया है तो उनके पास आने वाले वोट दोनों प्रत्याशी के लिए निर्णायक रहेंगे।
भीलवाड़ा प्लस के अनुसार सहाड़ा विधानसभा (179) पर जीत का अंतर 2000 से 9000 के बिच रहने का अनुमान है और कांग्रेस प्रत्याशी कुछ मजबूत दिख रहे है। जल्द ही आपसभी के बिच में ग्रामपंचायत लेवल तक का सर्वे आपलोगो के बिच रखा जायेगा ।
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